Corneal Ulcer : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आंखों का संक्रमण कंजंक्टिवाइटिस फैलना शुरू हो गया है। यहां अस्पताल में हर दिन 80 से 100 नए मरीज आ रहे हैं। जहां डॉक्टरों का कहना है कि पहले की तुलना में अब कंजंक्टिवाइटिस में बदलाव आया है। अब खुजली और एलर्जी सबसे बड़ा कारण है। ऐसे में लापरवाही बरतना खतरनाक हो सकता है। दृष्टि हानि के अलावा, यह रेटिना पर निशान का कारण भी बनता है। मौसम की बदलती परिस्थितियों के कारण वायरल और एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस दोनों तेजी से फैल रहे हैं। हवा में ऐसे कण हैं जो एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस फैलाते हैं।
भोपाल के जेपी अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निशा मिश्रा ने बताया कंजंक्टिवाइटिस का असर लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में वायरल कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। ऐसा भी प्रतीत होता है कि यदि कोई व्यक्ति आज इलाज के लिए आता है तो कल उसके परिवार के चार और सदस्य इलाज के लिए आते हैं।
कॉर्निया अल्सर के लक्षण
- लाल या खून से भरी आंख
- आंखों से पानी आना
- आंखों में तेज दर्द
- मवाद या अन्य प्रकार का स्राव
- दृष्टि में कमी
- आंख के सामने सफेद धब्बा बनना
- पलकें या आंखों के आस-पास की त्वचा सूज जाती है या लाल हो जाती है
- सिरदर्द
कॉर्निया अल्सर के कारण
- संक्रमण
- पुरानी चोट
- सूरज की रोशनी में ज्यादा देर तक रहना
- खराब प्रतिरक्षा प्रणाली
- कॉन्टेक्ट लेंस का अनुचित इस्तेमाल
- बिना डॉक्टरी परामर्श के दवा खाना
- स्टेरॉयड आई ड्राप का अनुचित इस्तेमाल
- पौधों की सामग्री से आंख में चोट लगना
- बेल्स पाल्सी या अन्य पलक संबंधी विकार