जापानी इंसेफेलाइटिस मध्य प्रदेश के ग्वालियर तक पहुंच गया है। एक 15 वर्षीय लड़की में इस वायरस की पुष्टि हुई है। किशोरी को तेज बुखार, सिरदर्द और उल्टी हो रही थी, इसलिए उसके परिवार वाले उसे जयारोग्य अस्पताल ले गए, जहां जांच से पुष्टि हुई कि उसे जापानी इंसेफेलाइटिस है।
दरअसल, किशोर तेज बुखार और उल्टी से पीड़ित था। परिजन उसे इलाज के लिए निजी चिकित्सक के पास ले गए। लेकिन उनकी हालत में सुधार होने के बजाय वे कोमा में चले गये। इसके बाद उन्हें गंभीर हालत में जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। नमूने की जांच के बाद जापानी इंसेफेलाइटिस की पुष्टि हुई। हालांकि, किशोर कोमा से बाहर आ गया है और अब वह खतरे से बाहर है।
जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण
- इस वायरस के लक्षणों की बात करें तो बुखार, सिरदर्द, थकान और उल्टी इसके मुख्य लक्षण हैं।
- यह रोग मस्तिष्क में सूजन, कोमा और पक्षाघात तक बढ़ सकता है।
- कुछ मामलों में कोमा और पक्षाघात भी हो सकता है।
- यह वायरस मच्छरों के जरिए इंसानों तक पहुंचता है।
जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव
- इस बीमारी से बचाव के लिए मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का उपयोग करना चाहिए।
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें, ताकि मच्छर न पनपें।
- इस रोग की रोकथाम के लिए टीका उपलब्ध है।
- विशेषकर उन लोगों को टीका लगवाना चाहिए जो ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां जोखिम अधिक है।