मध्य प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार की सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत 8 करोड़ 92 लाख 75 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। यह योजना OBC, SC, ST वर्ग के उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
उज्जैन के अभ्यर्थियों का शानदार प्रदर्शन
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा में उज्जैन जिले के सर्वाधिक अभ्यर्थी सफल हुए हैं। दूसरे स्थान पर गुना जिला रहा। चयनित उम्मीदवारों को उनकी मेहनत का फल देते हुए सरकार ने सीधे उनके बैंक खातों में इंसेंटिव राशि ट्रांसफर कर दी है। यह पहल छात्रों को और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगी।
किन जिलों को मिला कितना इंसेंटिव
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 47 जिलों से ओबीसी उम्मीदवार सफल हुए। उज्जैन को सर्वाधिक इंसेंटिव मिला, जबकि अलीराजपुर जिले को सबसे कम सहायता राशि प्राप्त हुई।
उज्जैन: सर्वाधिक इंसेंटिव
अलीराजपुर: न्यूनतम 15 हजार रुपये
उमरिया: 45 हजार रुपये
विधानसभा में उठा मुद्दा
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक सचिन सुभाष यादव ने सवाल उठाया था कि क्या इस योजना को बंद कर दिया गया है? इसके जवाब में मंत्री कृष्णा गौर ने स्पष्ट किया कि योजना जारी है और योग्य उम्मीदवारों को लाभ मिल रहा है।
योजना के तहत मिलने वाली राशि
सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत चयनित उम्मीदवारों को विभिन्न चरणों में आर्थिक सहायता दी जाती है:
प्रीलिम्स परीक्षा पास करने पर: ₹20,000
मेन्स परीक्षा पास करने पर: ₹30,000
साक्षात्कार के बाद चयनित होने पर: ₹25,000
ध्यान दें: इस योजना का लाभ उन्हीं उम्मीदवारों को मिलेगा जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है।
सरकार का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य OBC, SC, और ST वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। सरकार का मानना है कि यह आर्थिक सहायता छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने में सहायक होगी।
मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को सहायता मिलेगी, बल्कि वे सिविल सेवा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होंगे। उज्जैन जिले के छात्रों की सफलता इस योजना की प्रभावशीलता को दर्शाती है, और भविष्य में अन्य जिलों के उम्मीदवार भी इससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकते हैं।