मध्यप्रदेशराजनीति

MP Assembly Polls: विंध्य में भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर तय देखिए क्या कहती है विंध्य की जनता!

MP Assembly Polls: विंध्य में भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर तय देखिए क्या कहती है विंध्य की जनता! 

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी रणनीति तैयार की है इसी रणनीति के तहत भाजपा विपक्षी कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है महाकोशल और विंध्य ऐसे क्षेत्र हैं जो सत्ता दिलाने में पार्टियों की काफी मदद करते हैं इसी वजह से विगत चुनाव से भाजपा और कांग्रेस को यह समझ में आ गया है कि महाकोशल और विंध्य में जिसका पलड़ा भारी होगा सत्ता उसी के पास होगी।

68 सीटों पर टिकी रहेंगी सभी की नजर

महाकोशल और विंध्य की 68 सीटों पर चुनावी रुझान को अपने पाले में करने के लिए दोनों ही पार्टियां दिग्गज नेताओं को बुला रही है तभी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पहले ही चरण में यहां आ चुके हैं। इसी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर कांटे की भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है।

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य में भाजपा और महाकोशल में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा। विंध्य की 30 सीटों में से भाजपा के पाले में 24 आईं, जबकि महाकोशल में कांग्रेस ने 38 में से 24 सीटों पर कब्जा किया था।

महाकोशल में दूसरे नंबर पर रही भाजपा ने 13 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी तो विंध्य में कांग्रेस केवल छह सीटें ही जीतने में कामयाब हुई। अगर दोनों पार्टियों का महाकोशल और विंध्य का संयुक्त प्रदर्शन देखा जाएं तो भाजपा ने कांग्रेस को सात सीटों से पीछे छोड़ दिया था। कुल 68 सीटों में से भाजपा को 37 और कांग्रेस को 30 सीटें प्राप्त हुई थीं।

इस क्षेत्र से एक निर्दलीय ने चुनाव बाद भाजपा का दामन थामा था मौजूदा समय में चुनावी परिदृश्य को देखा जाए तो महाकोशल और विंध्य की एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। इसी वजह से तो चुनाव से लगभग तीन माह पूर्व ही यहां पर चुनावी संग्राम शुरू हो चुका है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहडोल और रीवा का दौरा किया है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सतना प्रवास हो चुका है। वहीं, कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाड्रा जबलपुर से चुनावी शंखनाद कर ही चुकी हैं। जल्द ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शहडोल से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर सकते हैं

क्यों महत्वपूर्ण है यह क्षेत्र 

महाकोशल और विंध्य से बना राजनीतिक माहौल प्रदेश की न केवल सामान्य बल्कि सभी आरक्षित सीटों पर भी दिखाई देगा इस क्षेत्र में एसटी के लिए 22 और एससी के लिए पांच सीटें आरक्षित हैं खासतौर पर आदिवासी वर्ग के मतदाताओं की बात करें तो मंडला, डिंडौरी और शहडोल जिले ऐसे हैं जहां की सारी सीटें इसी वर्ग के लिए आरक्षित हैं स्पष्ट है कि ऐसे जिलों से बनी लहर केवल महाकोशल और विंध्य ही नहीं पूरे प्रदेश में असर दिखाती है इन तीन जिलों में कुल आठ सीटें आती हैं जो फिलहाल भाजपा और कांग्रेस में आधी-आधी बंटी हुई हैं।

समाचार

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