MP Election 2023: MP विधानसभा चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं यह 5 फैक्टर जानिए किसकी होगी जीत!

MP Election 2023: MP विधानसभा चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं यह 5 फैक्टर जानिए किसकी होगी जीत! 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है भाजपा ने आज अपने प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट भी जारी कर दी है हालांकि कांग्रेस ने अभी तक एक भी कैंडिडेट लिस्ट नहीं जारी की है दोनों ही पार्टियों ने एमपी में चुनावों को लेकर कमर कस ली है।

इन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस मुख्य रूप से दावेदार हैं इन चुनावों में कई मुद्दे हैं जो बड़ी भूमिका निभाएंगे इसमें भाजपा के लिए कई चुनौतियां भी हैं इसके साथ ही बीजेपी के लिए एक प्लस पॉइंट भी है आइये जानते हैं मध्य प्रदेश चुनाव के 5 बड़े फैक्टर क्या हैं।

व्यापम और भर्ती घोटाला

मध्य प्रदेश में विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी शिवराज सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना रही है कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि जब बीजेपी कर्नाटक में सत्ता में थी तब 40 फीसदी कमीशन लिया जाता था मध्य प्रदेश में यह 50 फीसद कमीशन वाली सरकार है।

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नरेंद्र मोदी का फेस

मध्य प्रदेश के चुनावों में भाजपा ने अभी तक सीएम फेस नहीं घोषित किया है इन चुनावों भारतीय जनता पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरे पर ही चुनाव लड़ रही है एमपी में 20 साल सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा को अपनी जीत के लिए बहुत हद तक प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर निर्भर रहना पड़ रहा है प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा मध्य प्रदेश के चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएगा।

व्यापम और भर्ती घोटाला

मध्य प्रदेश में विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी शिवराज सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना रही है कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि जब बीजेपी कर्नाटक में सत्ता में थी तब 40 फीसदी कमीशन लिया जाता था मध्य प्रदेश में यह 50 फीसद कमीशन वाली सरकार है।

कुछ महीने पहले कांग्रेस ने शिवराज चौहान सरकार के खिलाफ ’50 प्रतिशत’ कमीशन का आरोप लगाते हुए राज्य भर में पोस्टर भी चिपकाए थे इसके साथ ही कांग्रेस ने उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण में भी शिवराज सरकार पर भारी अनियमितता का आरोप लगाया है

इस दौरान कांग्रेस ने भाजपा के 18 वर्षों के दौरान 250 से अधिक कथित बड़े घोटालों लिस्ट भी बनाई थी। इन घोटालों की लि ऐप पर पढ़ें व्यापम और भर्ती घोटाले को कांग्रेस बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास करती हुई दिखाई दे रही है।

सत्ता विरोधी लहर

भाजपा मध्य प्रदेश में 2003 सत्ता में है इस बीच 2018 में कांग्रेस की भी सरकार बनी थी लगभग 20 सालों तक सत्ता में रहने के कारण भारतीय जनता पार्टी को भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 20 सालों के दौरान मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान ही पार्टी का चेहरा बने रहे।

इस बार एमपी चुन अगला की रणनीति में बदलाव करते हुए भाजपा ने राज्य में लेख केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है भाजपा के इस कदम को शिवराज सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को कमजोर करने के तौर पर देखा जा रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि तीन ऐप पर पढ़ें मंत्रियों समेत सात सांसदों को विधानसभा का टिकट देकर भाजपा ने एमपी में बड़ा दांव चल दिया है। इससे भाजपा को राज्य में सत्ता विरोधी लहर से कुछ राहत मिल सकती है।

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सिंधिया समर्थक 

साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। इन चुनावों में सिंधिया के साथ आए सभी समर्थकों को टिकट देना भाजपा के लिए

कठिन चुनौती होगी अगर भाजपा सिंधिया समर्थकों को टिकट देती है तो उस सीट पर उनके कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा सकती है। ऐसे में सिंधिया समर्थक भी भाजपा के लिए एक चुनौती बन सकते हैं।

बेरोजगारी 

युवाओं के बीच बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में के लिए बेरोजगारी के लिए आम आदमी पार्टी ने सरकार बनने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है इसके साथ ही शिवराज सरकार भी युवाओं में कौशल विकसित करने और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रही है।

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