MP Tichers vacancy: एमपी में हुआ शिक्षक भर्ती घोटाला 77 उम्मीदवारों सर्टिफिकेट मिले फर्जी!
MP Tichers vacancy: एमपी में हुआ शिक्षक भर्ती घोटाला 77 उम्मीदवारों सर्टिफिकेट मिले फर्जी!
एमपी के हजीरा ग्वालियर से बनवाए गए दिव्यांग का प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं, टेक्निकली प्रमाणपत्र फर्जी नहीं है, प्राधिकृत अधिकारी द्वारा ही जारी किए गए हैं, लेकिन अपात्र कैंडिडेट को जारी किए गए। यह एक घोटाला है जिसमें ग्वालियर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और मुरैना जिले के कैंडिडेट शामिल हैं।
मामला भोपाल समाचार द्वारा उठाया गया था l
उल्लेख करना अनिवार्य है कि, कुछ कैंडिडेट ने भोपाल समाचार डॉट कॉम के माध्यम से “खुला पत्र” के जरिए यह मामला उठाया था। दस्तावेजों के निरक्षण के दौरान पाया गया है कि, 77 कैंडिडेट ऐसे हैं जिन्होंने दिव्यांग प्रमाणपत्र लगाए हैं, लेकिन वह दिव्यांग नहीं है। अब विद्यालय शिक्षा राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार ने संबंधितों के खिलाफ एफआइआर कराने के आदेेश दिए हैं। इनमें एक ऐसा भी शिक्षक है, जो बगैर दिव्यांगता सार्टिफिकेट के चयन की योग्यता रखता था।
पूरे मध्यप्रदेश में दिव्यांगता प्रमाणपत्र की चेकिंग।
राज्यमंत्री ने राज्य के उन जिलों में भी चेकिंग कराने को कहा है, जहां दिव्यांगता खाते में अधिक आवेदन आए हैं। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार इन दिनों शिक्षकों की नियुक्ती कर रही है। एक चरण में पूरे राज्य से कुल 755 पदों पर दिव्यांग कैंडिडेट को नियुक्ति दी गई है। समाचार के माध्यम से कैंडीडेटों ने खुलासा किया था कि इनमें से 450 दिव्यांग केवल मुरैना के रहने वाले हैं।
विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा इस मसले को दबाने की कोशिश की गई थी परंतु आयुक्त निशक्तजन कल्याण मामले का संज्ञान लिया।
फर्जी सर्टिफिकेट से 60 अभ्यर्थी स्कूल शिक्षा और 17 जनजातीय कार्य विभाग में नियुक्ति चाहते थे। मामला सामने आने के बाद विद्यालय शिक्षा विभाग ने जनजातीय कार्य विभाग को फर्जी सर्टिफिकेट लगाने वाले कैंडिडेटों की जानकारी दी है।
फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र मामले में कितनी सजा होती है
आयुक्त निशक्तजन कल्याण बताते हैं कि दिव्यांगजन अधिनियम-2016 के अनुसार छलपूर्वक कोई दिव्यांगजन के लिए मिलने वाले लाभ से लाभान्वित होता है या लेने का प्रयास करता है, तो वह अछम्य अपराध है। ऐसे मामले में दो वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।