मध्यप्रदेश में बरसात के मौसम में सांप के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इस खतरे से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं सागर और रीवा जिले। 1 जनवरी से 30 जून के बीच रीवा में 223 सर्पदंश पीड़ितों को 108 एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया है, जिससे यह जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर आ गया है। वहीं, सागर जिला इस सूची में 311 मामलों के साथ सबसे ऊपर है।
हालांकि यह आंकड़े सिर्फ उन मामलों को दर्शाते हैं जिन्हें 108 एम्बुलेंस सेवा के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि कई पीड़ित अब भी झाड़-फूंक या देसी इलाज पर निर्भर रहते हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है।
हरियाणा सरकार का तोहफा: कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिला 5 महीने का एरियर और बढ़ा DA
संजय गांधी अस्पताल, रीवा के सीएमओ डॉ. रत्नेश त्रिपाठी ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि सांप काटने पर उस स्थान पर न तो रस्सी बांधें और न ही रुमाल या कोई अन्य वस्तु। इससे खून का प्रवाह रुकता नहीं बल्कि तेज़ होता है, जिससे ज़हर तेजी से शरीर में फैलता है।
उन्होंने साफ कहा, “झाड़-फूंक में समय न गंवाएं, तुरंत अस्पताल पहुंचे।” ज़्यादातर सांप जहरीले नहीं होते, लेकिन यदि समय पर इलाज न मिले तो सामान्य सर्पदंश भी जानलेवा बन सकता है।
सर्पदंश से बचने के लिए सबसे जरूरी है समय पर सही इलाज। 108 एम्बुलेंस सेवा इस दिशा में लोगों की सबसे बड़ी मदद बनकर उभरी है। सावधानी और जागरूकता ही जान बचाने का सबसे बड़ा हथियार है।