लोकसभा चुनाव में सियासी राजाओं के बीच एक रंक की एंट्री हुई है, 71 साला के बुजुर्ग चाचा दद्दी यादव सीधी लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन दाखिल किया है,
प्रचार करने का अनोखे तरीके के वजह से मिडिया की सुर्खियों में है, कर्ज लेकर चुनाव लड़ रहे दद्दी यादव को अब चुनाव चिन्ह मिल गया है।
चिन्ह मिलने के बाद प्रचार करने में लग गए है, लेकिन इनके प्रचार प्रसार करने के ढंग ने सबको हैरान कर दिया, वह सुबह दिनचर्या के बाद पर्चा साइकिल में एक रिकॉर्डिंग माइक लगाकर पूरे क्षेत्र में लोगो से जनसंपर्क कर रहे है,
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25 सालों से लड़ रहे चुनाव, समस्या है इस लिए जिद है
सीधी लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी दद्दी यादव कई बार चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें पंच सरपंच फिर विधायक से लेकर लोकसभा को मिलाकर 25 वर्षों से कर्ज लेकर लगातार सुनाओ लड़ते आ रहे हैं
उनका कहना है कि नेता आते हैं चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करते हैं जीतने के बाद सभी वादे भूल जाते हैं तथा जनता योजनाओं का लाभ नहीं ले पाती
सभी काम अटक जाते हैं इसलिए चाचा ने मन बना लिया कि अब पिछले 25 साल से चुनाव मैदान की जीत के लिए लड़ाई कर रहे हैं शायद कभी मौका मिलेगा तो लोगों की समस्याओं और योजनाओं को घर-घर पहुंचाएंगे
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सीधी लोकसभा सीट का राजा 25 बार लड़ा चुनाव
दद्दी यादव सीधी जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पनवार चौहानन के पुश्तैनी निवासी हैं वह अपने जीवन में लगभग 15 चुनाव लड़ चुके हैं
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जिसमें से पंच सरपंच जनपद जिला सदस्य सहित तीन बार विधानसभा तो वही पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में है लेकिन सभी चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन लोग इस रंक को राजा मान रहे है, धन न होने के बावजूद भी 25 बार चुनाव लड़ चुके हैं