पटौदी खानदान और सैफ अली खान को झटका: भोपाल नवाब की संपत्ति पर फिर शुरू होगी कानूनी जंग

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति विवाद पर ट्रायल कोर्ट का फैसला पलटा, एक साल में निपटारा करने के आदेश

भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्लाह खान की संपत्ति के उत्तराधिकार विवाद में पटौदी खानदान को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के साल 2000 के आदेश को निरस्त करते हुए संपत्ति बंटवारे का मामला फिर से सुनवाई के लिए निचली अदालत में भेज दिया है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में उत्तराधिकार का फैसला मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार होगा क्योंकि नवाब का निधन संविधान लागू होने के बाद 1960 में हुआ था, और ऐसे मामलों में रियासत के नियम नहीं बल्कि मुस्लिम उत्तराधिकार कानून लागू होंगे।

हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को एक साल के भीतर विवाद निपटाने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले का असर सीधे नवाब हमीदुल्लाह खान की बेटी और पटौदी खानदान की पूर्व सदस्य साजिदा सुल्तान की संपत्ति पर पड़ेगा। यही वजह है कि सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहन सोहा अली खान और बहन सबा सुल्तान भी इस मामले में पक्षकार बनाए गए हैं।

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गौरतलब है कि नवाब की मृत्यु से पहले ही भोपाल रियासत का भारत में विलय 1949 में हो चुका था और उस वक्त समझौते में उनकी निजी संपत्ति और विशेषाधिकार सुरक्षित रखे जाने का प्रावधान था।

लेकिन नवाब की मृत्यु के बाद उनकी बहनों राबिया सुल्तान और अन्य वारिसों ने जिला अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने अब साफ कर दिया है कि संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक होना चाहिए और ट्रायल कोर्ट को नए सिरे से सुनवाई करनी होगी।

इस फैसले ने पटौदी परिवार के लिए संपत्ति विवाद को और जटिल बना दिया है और सैफ अली खान समेत परिवार के अन्य सदस्यों के हिस्से पर भी संकट मंडरा रहा है।

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