MP Crime News: मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर) संजय सिकरवार और कार्यालय के चपरासी श्यामलाल पाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
कैसे हुआ खुलासा?
झाबुआ जिले के मेघनगर तहसील स्थित ग्राम छोटा गुड़ा के निवासी रूसमल भूरिया, जो थांदला तहसील में “ज्ञान गंगा एकेडमी” स्कूल का संचालन करते हैं, ने लोकायुक्त को शिकायत दर्ज करवाई थी। उनके स्कूल की मान्यता वर्ष 2024 में समाप्त हो गई थी, जिसे नवीनीकृत कराने के लिए बीआरसी अधिकारी और चपरासी द्वारा ₹18,000 की रिश्वत मांगी जा रही थी।
बार-बार पैसों की मांग से परेशान होकर रूसमल भूरिया ने इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय से संपर्क किया और शिकायत दर्ज करवाई। जांच के बाद लोकायुक्त टीम ने एक योजना बनाई और ट्रैप (जाल बिछाने) की रणनीति अपनाई।
रिश्वत लेते ही पकड़ में आए
सोमवार को लोकायुक्त टीम ने स्कूल संचालक रूसमल भूरिया को विशेष केमिकल लगे ₹11,000 देकर बीआरसी कार्यालय भेजा। जैसे ही संजय सिकरवार और श्यामलाल पाल ने पैसे अपने हाथ में लिए, लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
कानूनी कार्रवाई
इस गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 एवं बीएनएस 2023 की धारा 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त रवैया अपना रहा है। लोकायुक्त की इस तत्परता ने ईमानदार नागरिकों को न्याय दिलाने और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता बनाए रखने की उम्मीद बढ़ा दी है।